कॉमिक्स में प्रेम एवं प्रेम त्रिकोण
प्रेम !!!
हालाँकि प्रेम को शब्दों में पूरी तरह से परिभाषित नहीं किया जा सकता किन्तु फिर भी साहित्यकारों और लेखको का पसंदीदा विषय प्रेम ही रहा है चाहे फिर वो कामायनी में जयशंकर प्रसाद हों , अवधी में नागमती के वियोग रुपी प्रेम को व्यक्त करते मालिक मुहम्मद जायसी , नीरजा में महादेवी वर्मा द्वारा प्रेम वर्णन हो | कॉमिक्स भी साहित्य के अंतर्गत ही आती हैं और शुरुआत में केवल बच्चों के मनोरंजन के उद्देश्य से बनायीं गयी थी , किन्तु कॉमिक्स भी प्रेम और उसके अवयवों से अछूती नहीं , और समय के साथ साथ कॉमिक्स में प्रेम वर्णन और प्रेम का महत्व भी बढता गया , आज हम कॉमिक्स के कुछ उन्ही प्रेम एवं प्रेम त्रिकोणों का विश्लेषण करने की चेष्टा करेंगे | तो आइये शुरुआत करते हैं राज कॉमिक्स के प्रसिद्द नायक सुपर कमांडो ध्रुव से …
सुपर कमांडो ध्रुव , नताशा और रिचा
यह बात कॉमिक पढने वाले सभी पाठक जानते होंगे कि ध्रुव , ग्रैंड मास्टर रोबो की बेटी नताशा से प्रेम करता है और नताशा ध्रुव से , किन्तु वहीँ दूसरी ओर रिचा जोकि ब्लैक कैट भी है , वो भी ध्रुव से एकतरफा प्रेम करती है | किन्तु क्या यह प्रेम वास्तव में एक तरफ़ा ही है ? अगर हम षड़यंत्र कॉमिक के हिसाब से बात करें उसमे ध्रुव ने खुद स्वीकार किया था कि कल तक उसकी जिंदगी में 2-2 लड़कियां थी और आज वो अकेला है , उन 2 लड़कियों में रिचा भी शामिल थी | वहीँ दूसरी ओर अगर हम भविष्य की कहानी नागायण के पंचम खंड दहनकांड के तथ्यों पर विचार करें तो वो ध्रुव का रिचा के प्रति प्रेम ही था जिसके अभिभूत होकर उसने रिचा को एक टेस्ट ट्यूब बेबी प्रदान किया | खैर वक़्त के गर्भ में क्या छुपा है यह तो अब वक़्त ही जाने लेकिन प्रेम की भूलभुलैया में आखिर जब नायक ही फंस गए तो सामान्य व्यक्ति क्या चीज है |
कोबी और भेड़िया – जेन – सुकन्या – पराक्षी
जेन और भेड़िया के साथ हालाँकि प्रेम त्रिकोण वाली स्थिति नहीं थी लेकिन गुरु भाटिकि के कुचक्रो में फंसकर जब भेड़िया दो शरीरों में बंट गया (पढ़ें विशेषांक कोबी और भेड़िया ) तब समस्या उत्पन्न हुई | हालाँकि कोबी ने जेन से विवाह सिर्फ इसीलिए किया था ताकि वो जेन को लेकर वुल्फानो जा सके और वहां दोबारा वुल्फानो को बसा सके , जोकि हो ना सका किन्तु कालांतर में कोबी का प्रेम जेन के प्रति बढ़ता गया और भेड़िया तो मानवीय भावनाओं में बंधा हुआ था तो उसका भी जेन से प्रेम होना स्वाभाविक था| अब बीच में जेन का प्रेम दोनों में बंट गया और अक्सर अधिकारों को लेकर झगडे होने लगे , जिनको जेन ये कहकर बंद करा देती के जब भेड़िया फिर से पहले की तरह सम्पूर्ण हो जायेगा वो तभी अपना सम्पूर्ण प्रेम उसे देगी | यहाँ तक सब ठीक था लेकिन समय के गर्त से निकल कर जब भुक्रक नाम का भेड़िया का पुराना दुश्मन (पढ़ें अमर प्रेम ) सामने आया और उसने तरह तरह के माया जाल भेड़िया और कोबी पर प्रयोग किये तो प्रेम त्रिकोण का एक अलग ही रूप सामने आया | कोबी का प्रेम सदैव की तरह केवल जेन के लिए था लेकिन भेड़िया एक अनिर्णय की स्थिति में पंहुच गया जब भुक्रक ने उसकी पुराणी स्मृतियों को विकृत करना शुरू किया और सामने आया एक और नाम सुकन्या का !!!
भेड़िया के सामने पराक्षी (पढ़ें प्रेम ना खून ) को सुकन्या की तरह प्रस्तुत करके भुक्रक केवल अपना मतलब निकालना चाहता था लेकिन भेड़िया ने उसके षड्यंत्र विफल कर दिए| किन्तु यह प्रकरण कोबी , भेड़िया और जेन के जीवन में एक ऐसा भूचाल छोड़ गया जिसने अनगिनत प्रश्न उन तीनो के और पाठको के समक्ष खड़े कर दिए | कोबी अपनी जगह सदैव अटल खड़ा रहा और उसने केवल जेन से ही प्रेम किया लेकिन भेड़िया पुराणी यादो के भंवर में फंसकर बार बार सुकन्या के बारे में सोचने को विवश हो गया जिसके कारण जेन इतनी व्यथित हो गयी के उसने फ्रांस से अपने पुराने मंगेतर जॉन को असम बुला लिया (पढ़ें प्रेम प्रतीक ) | और इस तरह हमे कॉमिक्स में रोमांचक घटनाओ के साथ साथ प्रेम और प्रेम त्रिकोण के कई रूप देखने को मिले | हालाँकि अगर गौर करें तो हर बार प्रेम परीक्षा में सबसे पहले भेड़िया ने ही हार मानी है उदहारण के तौर भेडाक्ष कॉमिक में जब बहरूपा कबीले के षड्यंत्रों में फंसकर भी भेड़िया जेन को छोड़ने के लिए तैयार हो गया था|
खैर कॉमिक्स हैं तो प्रेम त्रिकोण भी चलते ही रहेंगे |
नागराज – विसर्पी – भारती – सौडांगी – नागरानी
कॉमिक्स जगत में अगर सबसे ज्यादा प्रेम कहानी उलझी हुई है तो वो है महानायक नागराज की | अब एक झलक देखिये आप जरा , नागराज नागद्वीप की राजकुमारी विसर्पी से प्रेम करता है और कई बार उनकी शादी होते होते रह गयी ( पढ़ें विसर्पी की शादी , शेषनाग , एवं त्रिफना सीरीज ) , तक्षक वंश के राज ज्योतिषी वेदाचार्य की पोती नागराज से प्रेम करती है वहीँ दूसरी ओर मिस्र के पिरामिडो से आई सौडांगी जोकि नागराज के शरीर में ही वास करती है वो भी नागराज से प्रेम करती है और तो और समानांतर आयाम में रहने वाली नागरानी जो नागराज से प्रेम करती है उसको नियोग विधि द्वारा नागराज से एक बच्चा भी है नागीश (पढ़ें फुंकार , विषपुत्रों का आगमन , नागायण रणकांड ) |
शुरू करते हैं विसर्पी से तो सही मायनो में विसर्पी और नागराज का प्रेम शुरू से ही विवाह का अधिकारी रहा है लेकिन कभी समकक्ष नागजातियों के विद्रोह के कारण , कभी भारती के अश्रुओं के कारण तो कभी शेषनाग के कारण उनका विवाह नहीं हो पाया और अंत में नागरानी को नियोग विधि से बच्चे का दान करने से आहत होकर विसर्पी स्वयं नागराज से नफरत करने लगी | हालाँकि नागायण में नागराज और विसर्पी का विवाह तो हुआ किन्तु वो विवाह ना होकर एक समझौता मात्र था काली शक्तियों के विरुद्ध सत्यशक्तियों को एकजुट करने का , बाद में सभी नायक और नायिका मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं जिसका अभी तक रहस्योद्घाटन होना बाकी आने वाली कॉमिक महानागायण में , तो विसर्पी और नागराज का प्रेम एक प्रकार से पूर्ण होकर भी अपूर्ण ही रहा | अब बात करते हैं भारती की जिसने नागराज से सदैव एक तरफ़ा प्रेम किया , नागराज जानते बूझते हुए भी हमेशा अंजान बना रहा किन्तु कुछ षड्यंत्रों के तहत जब भारती कम्युनिकेशन्स के अधिकार भारती के हाथो से छिनने वाले थे क्योंकि उसका नागराज के साथ कोई रिश्ता नहीं था और कंपनी में नागराज निवेश लगा हुआ था तो इस समस्या को ख़त्म करने के लिए नागराज ने भारती से विवाह कर लिया| (पढ़ें नागायण प्रथम खंड ) ये विवाह भी केवल एक समझौता मात्र था जिसके विषय में नागराज ने भारती से स्पष्ट कह दिया था के उसका प्रेम सदैव विसर्पी के प्रति ही रहेगा |
सौडांगी की अगर बात करें तो सौडांगी ने नागराज से कभी अपने प्रेम का प्रदर्शन नहीं किया किन्तु नागराज एक श्रंखला प्रकाशित हुई थी अमेजिंग फ्रेंड्स ऑफ़ नागराज जिसमे सौडांगी को देवी मायज से एक वरदान प्राप्त हुआ और उसने वरदान में नागराज का प्रेम और उस से विवाह मांग लिया था , माया की देवी मायज ने वरदान तो दे दिया किन्तु कुछ शर्तों के साथ , और अंत सौडांगी का प्रेम भी अधूरा ही रह गया किन्तु नागराज से प्राप्त पुत्र आज भी सौडांगी की सरंक्षिका शू के पास पल रहा है जिसका नागराज और सौडांगी को भान भी नहीं है |
नागरानी और नागराज के प्रेम का आधार कुछ अलग और अटपटा सा था , नागरानी आयाम से आने वाली नागराज के जैसी सामान शक्तियों की धारक है और उसको अपने आयाम की रक्षा के लिए नागराज के विष की आवश्यकता थी किन्तु नागराज को देखकर नागरानी के मन में प्रेम हिलोरे उठने लगी और वो नागराज को अपने साथ अपने आयाम में ले जाने की जिद करने लगी , अंत में वेदाचार्य के समझाने पर नागरानी ने नागराज के समान विष वाले उसके पुत्र को अपने गर्भ में धारण किया किन्तु उसके मन से नागराज का प्रेम कम नहीं हो पाया इसीलिए नागायण में नागपाशा के खिलाफ युद्ध में वो अपने पुत्र के साथ नागराज के पास पहुच गयी थी | नागराज के प्रेम जीवन की ये तो झलकी मात्र है अन्यथा ना जाने कितने ऐसे किस्से हैं जिनको बयां करना मुश्किल है , किसी समय में नागतंत्रिका नगीना भी नागराज के प्रेम में गिरफ्तार हो गयी थी , वहीँ नागराज के दूसरे रूप राज के पीछे एक सह-पत्रकार निशा भी हाथ धोकर पड गयी थी |
दोस्तों कॉमिक्स में प्रेम और प्रेम त्रिकोणों में यह चर्चा जारी रखेंगे अगले अंक में तब तक आप प्रस्तुत लेख पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें | हालाँकि कॉमिक्स में प्रेम का इतना गहरापन दिखाना समझ नहीं आता लेकिन चूंकि आज के समय के परिपेक्ष्य में अगर हम देखें तो कॉमिक्स पाठक बच्चे कम और बड़े ज्यादा हैं तो कॉमिक्स की विषय-वस्तु भी अब उन्ही के हिसाब से प्रस्तुत की जा रही है | कॉमिक्स में प्रेम और प्रेम वर्णन पर आप लोगो के क्या विचार हैं कृपया अवगत अवश्य कराएं | हमारे प्रस्तुतीकरण में किसी प्रकार की त्रुटि दिखने पर या अपने सुझाव देने के लिए आप हमे sales@comichaveli.com पर ईमेल कर सकते हैं |
Written By – Ravi Kumar for Comic Haveli.
This article was first published on Comic Haveli in 2018.
Nice one Ravi ji… looking forward for more articles 👍
Ek behtareen lekh.